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गमले में उगाए ऑर्गेनिक धनिया Growing Organic Coriander in Pots


 धनिया का महत्व Importance of Coriander

ध(caps)निया की हरी पत्ती और बीज दोनों का उपयोग किया जाता है इसका उपयोग मसाले में चटनी बनाने में तथा भोजन स्वादिष्ट करने में किया जाता है। हरी धनिया में बहुत ही अच्छी खुशबू होती है। धनिया में मैग्नीज मैग्नीशियम विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। धनिया के सेवन से ब्लड शुगर कम होता है जिससे मधुमेह में फायदा होता है। धनिया अनियमित मासिक धर्म को ठीक करता है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है तथा अल्जाइमर और इन्फ्लेमेशन की बीमारी में भी फायदा होता है। हरी धनिया की पत्तियों का सेवन करने से भोजन का स्वाद बढ़ जाता है जिससे पाचन ठीक रहता है। हरी धनिया की पत्तियों की आवश्यकता कभी भी घर में पड़ जाती है। बाजार में हरी धनिया की पत्तियां मिलती हैं जिनको ज्यादा दिन तक ताजा स्टोर नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इन हरी धनिया की पत्तियों पर पेस्टिसाइड्स के छिड़काव भी होने की संभावना रहती है। इसलिए हरी धनिया को आप अपने किचन गार्डन की क्यारियों में उत्पादन कर सकते हैं और यदि किचन गार्डन नहीं उपलब्ध है और फ्लैट  में आप रहते हैं तो आप गमले में भी हरी धनिया को होगा सकते हैं। 

कैसे उगाएं धनिया How to grow Coriander

गमले में  पाट मिक्चर वही प्रयोग करें जो आमतौर पर आप फूलों के लिए करते हैं ध्यान रखें कि इस पाट मिक्चर में मिट्टी बालू और गोबर या कंपोस्ट वर्मी कंपोस्ट बराबर मात्रा में मिला होना चाहिए। ऑर्गेनिक धनिया प्राप्त करने के लिए आप गमले में किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक का प्रयोग ना करें और ना ही उस पर किसी भी प्रकार के रसायन का छिड़काव करें। धनिया का बीज लाकर उसे हल्का सा प्रेशर दे कर दो भागों में तोड़ दे जिससे कि उसके प्रत्येक भाग से एक पौधा तैयार हो क्योंकि धनिया के बीज  में एक से ज्यादा एंब्रियो होते हैं और एक बीज से एक से ज्यादा पौधा प्राप्त किया जा सकता है। बुवाई से पहले बीज को 6 घंटे के लिए पानी में भिगो दें जिससे उसका अंकुरण अच्छा होता है इसके बाद बीज की बुवाई गमले में कर दें और बीज को लगभग 2 सेंटीमीटर गमले की मिट्टी से ढक दें ध्यान रहे कि गमले की मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। जमाव होने के बाद गमले को पानी देते रहें और गमले को घर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पर धूप रहती हो। पौधे लगभग 4 इंच के हो जाने के बाद आप हरी धनिया को जब चाहे गमले से निकाल कर उसका प्रयोग करें। यदि उसी पौधे से दोबारा धनिया लेना है तो आप धनिया के पेड़ को कभी उखाड़े नहीं बल्कि उसकी पत्तियों को तेज कैंची से काट कर निकाल ले और प्रयोग करें ऐसा करने से पेड़ से दूसरी पत्तियां निकलेंगे और आप काफी समय तक हरी धनिया की पत्तियां प्राप्त करते रहेंगे।


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