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जैव उर्वरक Biofertilizers

जै(caps)व उर्वरक एक प्रकार की जीवाणु खाद है जिसके प्रयोग से 20 से 25 किलोग्राम नत्रजन प्रति हेक्टेयर भूमि को प्राप्त हो जाती है प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि जैव उर्वरकों के प्रयोग से 10 से 20 % उपज बढ़ जाती है जैव उर्वरक रासायनिक उर्वरकों के पूरा का कार्य भी करता है और उनकी उपयोग क्षमता बढ़ा देता है जैसे जैव उर्वरक के प्रयोग से मृदा में फास्फोरस की उपलब्धता पौधों के लिए 20 से 30% बढ़ जाती है।
लेख में पढ़ें(toc)

जैव उर्वरकों के लाभ Benefits of Biofertilizers

  1.  जैव उर्वरक अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और फसल उत्पादन बढ़ाते हैं।
  2.  जैव उर्वरक वायुमंडल में उपलब्ध नत्रजन को फसल को उपलब्ध कराते हैं।
  3.  जैव उर्वरक मृदा के आधुलनशील फास्फोरस को घुलनशील बनाकर पौधों को उपलब्ध कराते हैं।
  4. जैव उर्वरक पौधों की वृद्धि को बढ़ाने वाले हार्मोन उत्पन्न करते हैं जिससे पौधों की वृद्धि पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
  5. जैव उर्वरक मृदा के भौतिक तथा रासायनिक गुणों को बनाए रखने में सहायता करते हैं।
  6.  जैव उर्वरकों के प्रयोग से मृदा में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि हो जाती है।


प्रमुख जैव उर्वरक Types of Biofertilizers

राइजोबियम Rhizobium

यह सभी दलहन फसलों के लिए उपयुक्त होता है यह वायुमंडल में उपलब्ध नत्रजन को फसल को उपलब्ध कराता है। दलहन फसलों के बीज का उपचार किया जाता है। 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर 10 से 15 किलोग्राम बीज के लिए उपयुक्त होता है ।

फास्फो- बैक्टीरिया Phospho-bacteria

सभी फसलों के लिए उपयुक्त होता है यह जीवाणु  मिट्टी में उपलब्ध उस फास्फोरस को जो पौधों के लिए उपयोगी नहीं है उसको इस रुप में कर देता है कि वह फास्फोरस पौधों के लिए उपयोगी हो जाता है । फास्फो – बैक्टीरिया से बीज उपचार, जड़ उपचार अथवा मृदा उपचार किया जा सकता है। बीज उपचार के लिए 200 ग्राम फास्फो  बैक्टीरिया 10 से 15 किलोग्राम बीज के लिए उपयुक्त होता है। मृदा उपचार के लिए 5 किलोग्राम फास्फो  बैक्टीरिया एक हेक्टेयर खेत के लिए उपयुक्त होता है।

एज़ोटोबैक्टर Azotobacter

यह दलहन फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों के लिए उपयुक्त होता है इससे बीज उपचार, जड़ उपचार और मृदा उपचार किया जा सकता है। 10 से 15 किलोग्राम बीज उपचार के लिए 200 ग्राम  एज़ोटोबैक्टर की आवश्यकता पड़ती है। एक हेक्टेयर खेत के लिए 5 किलोग्राम एज़ोटोबैक्टर मृदा में मिलाना आवश्यक होता है।

 एज़ोस्पिरिलम Azospirillum

यह जीवाणु खाद भी दलहन फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों के लिए उपयुक्त होता है। यह गन्ने की खेती के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इससे बीज जड़ तथा मृदा का उपचार किया जा सकता है 200 ग्राम एज़ोस्पिरिलम 10 से 15 किलोग्राम बीज के लिए पर्याप्त होता है इसकी 5 किलोग्राम मात्रा एक  हेक्टेयर खेत की मिट्टी में मिलाने के लिए पर्याप्त होती है।

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